🙏भूमी पूजन में नींव भरने से पहले उसमें चादी का नाग-नागिन का जोड़ा,स्थापित किया जाता है। माना जाता है कि जिस प्रकार से भगवान कृष्ण की रक्षा शेषनाग ने की थी उसी प्रकार से यह भी घर को हर प्रकार की बलाओं से बचाएगा।पृथ्वी शेषनाग के फन पर टिकी हुई है,
दूसरी और महत्वपूर्ण बात यह है कि पौराणिक ग्रंथों में बताया गया है कि पृथ्वी शेषनाग के फन पर टिकी है।मकान की नींव में सर्प की पूजा और स्थापना का सांकेतिक अर्थ यह लिया जाता है कि जिस तरह शेषनाग ने पूरी पृथ्वी को अपने फन पर पूरी मजबूती से संभाला हुआ है, उसी प्रकार वे मकान की भी रक्षा करेंगे।कछुआ लंबी उम्र तो देता ही है साथ ही इसे भूमि पूजन व नीव में रखने से आपको धन-दौलत और शोहरत भी दिलवाता है.। पंचधातु व पंच रत्न ,भूमि पूजन व नीव में रखने से आस-पास जितनी भी नकारात्मक ऊर्जा फैली हुई है उस सबका नाश करता है। एव भूमि दोष दूर करता है कलश भगवान विष्णु का प्रतीक है,
शेषनाग भगवान विष्णु की शैया माने जाते हैं।कहा जाता है कि क्षीर सागर में भगवान विष्णु शेषनाग के ऊपर विश्राम करते हैं और उनके चरणों में देवी लक्ष्मी स्थापित होती हैं। हिंदू धर्मशास्त्रों में कलश को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। कौन हैं वास्तु पुरुष वास्तु पुरुष भवन के मूल संरक्षक होते हैं पुराणों के अनुसार एक बार देवासुर संग्राम के दौरान भगवान शिव को बहुत पसीना आता है और जब वह पसीना ज़मीन पर गिरता है,तो वहां एक विशालकाय व्यक्ति बन जाता है.उसे बहुत भूख लगी थी,तो शिव जी की आज्ञा से वो दानवों पर टूट पड़ता है और सभी को खा जाता है, लेकिन उसकी भूख नहीं मिटती,तब वो शिव जी को तीनों लोकों को खाने की आज्ञा मांगी. शिव जी ने जैसे ही आज्ञा दी को तेज़ी से भूलोक की ओर दौड़ा.उसे देखकर समस्त देवतागण और ब्रह्माजी चिंचित हो गए. देवताओं में ब्रह्माजी से कोई उपाय करने को कहा, तो ब्रह्माजी ने उन्हें उस विशालकाय व्यक्ति को औंधे मुंह गिराने के लिए कहा,ताकि वो कुछ खा न सके.सभी देवताओं ने ज़ोर लगाकर उसे धरती पर औंधे मुंह गिरा दिया और सभी ऊपर से चढ़कर दबा दिए, ताकि वो कुछ खा न सके. तब उन्होंने ब्रह्माजी से कहा कि क्या मैं ऐसे ही हमेशा रहूंगा तब ब्रह्माजी ने उसे वरदान दिया की हर तीन महीने में तुम दिशा बदलोगे और धरती पर किसी भी निर्माण कार्य से पहले तुम्हारी पूजा अनिवार्य होगी, अगर ऐसा न किया गया,तो तुम उन्हें सता सकते हो
तब से हर निर्माण कार्य से पहले वास्तु पूजा की जाती है और वास्तु पुरुष की प्रतिमा नीव में रखी जाती है। वास्तु पुरुष और तथास्तु
आपने बड़े बुज़ुर्गों को कहते सुना होगा कि हमेशा अच्छा बोलो, कभी बुरा मत बोलो, क्योंकि बुरा जल्दी फलित होता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, वास्तु पुरुष हमेशा तथास्तु बोलते रहते हैं,इसलिए हम जो भी बोलते हैं, वो सच हो जाता है, इसलिए हमेशा अच्छा बोलना चाहिए.वास्तु शास्त्र में यह भी है कि वास्तु पुरुष हमेशा हमें आशीर्वाद देते रहते हैं. उनके कारण ही हमारा घर सुरक्षित रहता है. घर में सुख शांति और समृद्धि बढ़ती है घर के नींव में चादी के 2×3 के व पंचरत्न सहीत सिर्फ, 850 रुपये में लेकर, स्थापित करें संपर्क , M 7976127457 रत्न श्री ज्वेलर्स & जेम्स
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Category: Neev Pujan Samagri
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