कैसे हो मुक्ति राहु की अशुभ महादशा से अंतर्दशा से प्रत्यंतर दशा से|
राहु कितना भी शुभ या उच्च का ही क्यो न हो कुंडली मे यह एकतिहाई तो अशुभ फल अवश्य देता है वही एक तिहाई अशुभ फल जीवन को झँकझकोर कर रख देता है, राहु चाहे तो आसमान की बुलंदियों पर पहुचा दे राहु चाहे तो अर्श से फर्श पर फेख दे।
राहु जब देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है और जब लेने पर आए तो कुछ भी नही छोड़ता राहु ही ऐसा ग्रह है जिसकी 2 प्रकार से पूजा होती है
1-सात्विक
2-तामसिक
मच्छ मणि एक ऐसी मणि है जिसको धारण करने के बाद राहु के अशुभ फल नगण्य हो जाते है।जो ज्योतिष में रुचि रख ज्योतिष बनना चाहता हो , ओर जो राजनीति में छा जाना चाहता हो,जो ग्रह क्लेश से पीड़ित हो, जिन पति पत्नी में दूरियां हो,जिसको पेरोनॉर्मल (भूत-प्रेत व पिसाच की पीड़ा ) हो जो अज्ञात भय में जी रहा हो जिसको ऐसी बीमारी हो जो कि डॉक्टर की पकड़ से ही बाहर हो ऐसे व्यक्तियों को मच्छ मणि अवश्य शक्तिपात कर चांदी की रिंग में, धारण करना चाहिए।
मच्छ मणि के बारे में जितना गुण गान लिखे कम है इसका बेस्ट रिजल्ट वही अनुभव कर सकता है जो इसको धारण करे।
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